Poems on Truth

Poems on Truth in Hindi

सच की दुनिया

सच की इस दुनिया में,

झूठ का हल्ला बोल है।

माने सब यहाँ झूठ को,

सच को ना माने कोई।

देखे सब यहाँ झूठ को,

सच को ना देखे कोई।

झूठ ने रूप ऐसा बदला,

सच को ना कोई समझ पाया।

सच्चाई की राह

सच्चाई की राह पर चलते-चलते,

क्यों लड़खड़ाए डगमगाए कदम यूं तेरे।

सच्चाई को बनाकर जिंदगी अपनी,

फिर क्यों साथ तुने इसका छोड़ा।

सच्चाई की राह पर चल फिर,

मिलो साथ ये देगी तेरे।

होगी थोड़ी कठिनाई यहाँ,

फिर जिंदगी भर का सुकून है।

सच को सच

सच को सच कहना सीखो।

झूठ का साथ छोड़ना सीखो।

झूठ देकर क्षण भर की ख़ुशी।

फिर छिन लेता उम्र भर की ख़ुशी।

सच देता उम्र भर का साथ।

देकर हमेशा सच का साथ।

सच

झूठ एक नई कहानी बनाता है,

सच की खुद ही एक कहानी है।

सच देकर थोड़ी कठिनाई,

उम्र भर को मजबूत बनाता है।

सच राहों को आसान कर,

असल मंजिल तक भी पहुँचाता है।

सुकून की तलाश

सुकून की तलाश में,

लिया झूठ का सहारा।

मिला सुकून कुछ पलका,

फिर जिंदगी भर का सुकून खोया।

लिया जो झूठ का सहारा

खोई खुद की पहचान।

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