वादों का सहारा
कर के वादा यूँ मुकर गए।
क्यों तुम ऐसे बिछड़ गए।
पल भर में साथ छोड़ कर,
तन्हा रास्तों में छोड़ गए।
अकेले राहों पर चले गए।
क्यों तुम उस मोड़ पर मुड़ गए।
छोड़ना था जब तन्हा ही,
फिर क्यों थामा था हाथ हमारा।
क्योंकि किये थे वादें झूठे।
तोड़ने को दिल हमारा,
क्यों लिया था वादों का सहारा।
एक वादा
छोड़ी थी हमने दुनिया जिसके खातिर।
आज उसी ने छोड़ दिया हमें किसी और के खातिर।
कितना भी चाहो तुम उसे टूट कर।
हम भी उतना ही चाहेंगे तुम्हें टूट कर।
मिले धोखा कभी उससे चाहत में।
तो आ जाना हमारे पास राहत में।
गले भी लगा लेंगे तुम को देख कर।
ना करेंगे कभी कोई शिकायत,
रहेंगे साथ तुम्हारे हर कीमत पर।
तुम भले ही ना चाहो अब हमें,
मगर हम चाहेंगे तुम्हें उम्र भर।
क्योंकि एक वादा किया हमने तुमसे,
एक मोड़ पर जब तुम भी चाहते थे हमें टूट कर।
वादें
किया खूब सिखा गए जीना।
हमें पता भी ना चला,
कैसे कब तुमने हमें बदल डाला।
तुमने अपने हिसाब से बदल डाला हमें,
फिर क्यों बिन बताए छोड़ गए हमें।
किये थे जो ढेरों वादें देने को उम्र भर साथ हमारे।
कैसे निकले अब उन वादों से कैसे खुद को संभाले अब हम।
वादों के पल
जिन पलों में किए थे वादें तुमने,
काश वो पल हम कैद कर सकते।
काश तुम्हारी बातों को,
हुई संग तुम्हारी उन मुलाक़ातों को,
बीते संग तुम्हारे उन पलों को,
काश हम कैद कर सकते।
आज फिर वो पल छू गया मुझको।
उस पल को, उसके एहसासों को।
कुछ पल ऐसे होते हैं,
जिन्हें हम कैद करना चाहते हैं।
पल तो भर में चले जाते हैं।
काश वो पल हम कैद कर सकते,
जिस पल कि थे वादे तुमने।
ना हो वादें हजार
ना करो तुम हजार वादें।
बस रहना तुम साथ हमारे।
ना करना कोई कसमें रस्में।
बस कभी दूर ना जाना हमसे।
चाहत हमको तुम्हारी चाहत की हैं।
ना कोई जरूरत हमें हीरे मोती की हैं।
चलना साथ-साथ हमारे हर कीमत पर।
देना साथ हमारा हर जरूरत पर।
वादों का धुंधलापन
धुंधला गयी आज यादें तेरी।
धुंधला गयी आज बातें वो तेरी।
धुंधला गए आज तेरे दिए हुए दर्द वो सारे।
साथ ही धुंधला गए आज वो किए गए झूठे वादें तेरे।
साथ ही हो गई नम आँखें भी हमारी।
क्योंकि धुंधला गई झूठी आशिकी वो तेरी।
वादें की याद
जो शामें तेरे नाम की,
उन शामों को याद कर।
उम्र भर तुझको ही चाहा,
उस चाहत को याद कर।
छोड़ जाने से पहले,
किए मुझसे अपने हर एक वादें को याद कर।
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