Poems On Rain In Hindi
चाहते ये बारिश की
यूँ ही ठंडी हवाएँ चल जाती हैं।
यूँ देख तुझे धड़कने बढ़ जाती है।
मन भी कुछ बहक सा जाता है।
चाहते भी बस में ना रह पाती है।
लिखूं कुछ तुझ पर जी मचल सा जाता है।
बारिश में भीगने का मन भी कर जाता है।
बारिश को देख कर चाहते बेकरार भी हो जाती है।
बचपन की बारिश
देख बारिश दिल बच्चा बन जाता है।
बचपन की वो बारिश का झूला बन जाता है।
देख बारिश दिल बचपन की यादों में खो जाता है।
बचपन की बारिश में नाव वाला समुद्र बन जाता है।
बारिश बचपन को ताजा कर जाता है।
देख बारिश वो गलियों का छोटा सा तालाब भी बन जाता है।
देख बारिश दिल फिर नादानियाँ करता है।
मौसम बदला यूँ बदला है
मौसम आज यूँ बदला है।
दिल तेरी चाहत में तरसा है।
तरसते है तेरी चाहत को,
जो बरस गई आँखें भी।
बादल से बरसता पानी,
आँखों को भी नम कर गया।
बादलों की गढ़ गढ़ाहट से,
चाहतों की बेघा भी तरसती है।
मौसम है सुहाना
मौसम है आज सुहाना,
दिल चाहता है तुम्हें और भी चाहना।
साँसों का कम होना, धड़कनो का बढ़ना,
चाहता है दिल और भी बेकरार होना।
महफ़िल छोड़कर संग तेरे तनहाइयों में आना।
पसंद आ गया है अब हमें भी ये मोहब्बत का जमाना।
किनारा अहसास का
हुई जो बरसात, जीने का सहारा मिल गया।
इस भीगी बरसात में संग तेरे,
भीगने का बहाना मिल गया।
करने को कुछ संग तेरे शरारत,
मौका ये दोबारा मिल गया।
मिल कर यूँ तुझ से,
अहसासों को किनारा मिल गया।
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