बिटिया
मुश्किल में साथ देने वाली।
गमों में राहत देने वाली।
लिए अपनेपन के जज्बात।
ख़ुशी देती उनकी हर बात।
हँसी में साथ देतींहैं तो,
दुख में भी हाथ बटा देतींहैं।
निस्वार्थ हो कर निश्छल प्रेम करतीं हैं।
इन हे समझो दिल से तो जान भी न्योछावर करतीं हैं।
बेटी
बेटियों से हैं हरा भरा ये घर संसार।
जहां बेटियांहैंवहीं खुशियों काद्वार।
है बेटियांतो ममता से भरा ये जग संसार।
ना होती बेटियां तो बेरंग होती ये दुनिया।
बेटियां हैंतो बहार है इस दुनिया में।
बेटियां
कौन हैं वो जिनको ना भाती बेटियां।
छा जाती हैं बनकर पतझड़ की बहार बेटियां।
ना होतीरौनकें बहार जो ना होती बेटियां।
ख़ुशियाँ हैं अधूरी जो ना हो बेटियां।
मुसकुराती है जिंदगी जहां होती बेटियां।
माता पिता के आँखों का नूर होती ये बेटियां।
खुदा का सबसे हसीन तोहफा हैं ये बेटियां।
समाज और बेटियां
लिए आंखों में डर,चली वो सहमी चाल।
गलती जो वो करती नहीं,
सजा वो फिर भी भुगत ती।
समाज में बचाने अपनो की इज्जत,
चुपचाप वो सब सह जाती।
पीड़ित बेटी भी गुनहगार हो जाती।
लज्जा शर्म से खुद ही मर जाती।
गलत न होते हुए भी,
समाज में मुंह छुपा कर जीने कोमजबूर होती।
अपनो केलिए समाज में वो सब कुछ सह जाती।
पक्षी-बेटियां
पक्षी बन एकदिन उड़ जाएगी।
घोंसला अपने रहने का भी स्वयं बनाएगी।
अपने उड़ने को आसमान भी खुद सजाएगी।
वो एक दिन ऐसा काम कर जाएगी,
ये दुनिया उसके आगे शीश झुकाएगी।
ये बेटियां पक्षी बन एक दिन अपनी आजादी पायेगी।
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