बचपन की जिंदगी
टूट गए वो खिलौने जिनसे बचपन गुजरा।
टूटा है वो झुला,टूटी है वो साइकिल।
छूट सा गया है कहीं वो बचपन।
छूटे है वो लोग संग जिनके बचपन गुजरा।
आता याद बहुत वो सुन्दर बचपन।
बचपन की बातें, बचपन की यादें।
कितनी प्यारी थी यारों वो जिंदगी हमारी।
बचपन का वक्त
बचपन का वक्त गुजर गया।
निराश भी हमें कर गया।
हौसला भी हमारा तोड़ गया।
बचपन की बाते छोड़ गया।
बचपन की यादें भी छोड़ गया।
संग खुशियाँ भी हमारी ले गया।
बचपन का वक्त भी गुजर गया।
बचपन
मन हैं उदास।
नहीं हैं कोई पास।
किसी के आने की हैं आस।
कोई तो आए, हमको हसाएँ।
जिने की एक आस जगाए।
फिर से वही बचपन ले आए।
धुंधलाता बचपन
धुंधला गयी आज बचपन की यादें।
धुंधला गयी आज बचपन की बातें।
धुंधला गए आज बचपन के वोयारा।
धुंधला गए आज वो बचपन के गलियारा।
धुंधला गई आज बचपन की वो सुनहरी जिंदगी।
धुंधला गया आज वो बचपन अपना।
धुंधला गया संग वो बचपन का सपना अपना।
सुनहरा बचपन
अब वो जिंदगी ही कहा हैजो पहले थी।
ना कल की फिक्र होती थी ना आज की चिंता रहती थी।
बचपन की जिंदगी खुशियाँ भरी होती थी।
अजीब सा समा है , अजीब सी दुनिया है।
कुछ अलग सा है , कुछ नया साल है।
दिन बदलते गए, लोग भी बदलते गए।
साथ ही बदल गई वो बचपन की जिंदगी अपनी।
एक बचपनकी ही तो जिंदगी मस्त होकर जीते थे।
यह भी पढ़ें :
Poems About Happiness In Hindi
Poems About Friendship In Hindi
Poems On Female Feticide In Hindi