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Poems In Hindi On Love

अब क्या नाम दें इस रिश्ते को हम

अब क्या नाम दें इस रिश्ते को हम।

फिक्र मुझे भी, फिक्र उन्हें भी।

हमारी हर बात में जिक्र उनका हैं।

उनकी भी हर बात में जिक्र हमारा हैं।

ना सिर्फ दोस्ती ही है, और ना ही है प्यार।

दोस्ती से ज्यादा प्यार से कम।

अब क्या नाम दें इस रिश्ते को हम।

        वक्त बदले , हालात बदले

वक्त बदले , हालात बदले।

मगर ए दोस्त तु ना बदला।

हर सुख में हर दुख में,

साथ जीते साथ हारे।

कभी तुने हमको तो कभी हमने तुमको,

हर वक्त संभाला।

आंखें मेरी नम आंसू तेरे निकले,

चोट हमें लगी तो दर्द तुझे हुआ।

वक्त बदले , हालात बदले।

मगर ए दोस्त तु ना बदला।

           अहसास

यूं तो हमारे बीच कोई रिश्ता नहीं।

मगर एक अहसास तो है।

अहसास है अहसास ही तो है।

मेरे बिन बोले तेरा मुझे समझ लेना।

इशारों ही इशारों में सब कह देना।

अहसास है अहसास ही तो है।

अहसास, जो हम दोनों को जोड़ता है।

अहसास, जो हम दोनों को महसूस होता है।

अहसास है अहसास ही तो है।

यूं त हमारे बीच कोई रिश्ता नहीं।

मगर एक अहसास तो है।

बहुत खास हो तुम

किसी के मुस्कुराने की वजह हो तुम।

करे हर कोई प्यार तुमसे वो इंसान हो तुम।

एक राह पर कोई तुम्हारा हाथ थाम सके,

वो मुसाफिर खास हो तुम।

करे जो हर कोई विश्वास तुम पर,

वो अनकहा सा राज हो तुम।

कोई माने या ना माने,

हमारे लिए बहुत ही खास हो तुम।

           इजहार

सूनी राह पर, सूनी आंखें,

करती है आज भी तेरा इंतजार।

कभी तो तू आए और में करूँ,

अपने प्यार का इजहार।

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           मेरी मोहब्बत

मैं लिखती हूँ , वो अल्फाज़ हो तुम।

मैं सोचती हूँ , वो ख्याल हो तुम।

मैं मांगती हूँ , वो दुआ हो तुम।

सच कहूँ , तो मेरी मोहब्बत हो तुम।

            वो लम्हें

वोलम्हें बड़े ही हसीन थे, जिनमें तुम थे।

वो लम्हें बड़े ही खूबसूरत थे, जिनमें तुम थे।

वो लम्हें आज भी मेरी मुस्कुराहट की वजह है

क्योंकि उन लम्हों में तुम थे।

दोस्ती में भी दिल लगी

कभी तो दोस्ती में भी दिल लग जाता है।

कभी कोई बहुत ही खास बन जाता है।

कभी मुलाकात भले ही न हो उनसे।

मगर कुछ वक्त बात करने से ही,

दिल को सुकून भी मिल जाता है।

           मुलाकात

सोची न थी वो बात हो गई।

मुलाकात हमारी उनसे आज हो गई।

देखा था जिसे सिर्फ सपनों में,

हकीकत में उनसे नजरों की टकरार हो गई।

           जीना सीखा दिया

भूल गए थे मुस्कुराना,

तूने हँसना सीखा दिया।

मुश्किलें आसान कर,

राहों पर चलना सीखा दिया।

हाथ थाम कर तूने हमारा,

हमें जीना सीखा दिया।

            हमारी चाहतें

धरती औरभी निखर जाती है,

जब बादल पानी बरसाता है।

उसी तरह हमारी चाहतें भीनिखर जाती है।

जब तुम्हारी चाहतें भी हमारे साथ होती है।

           उनकी बातें

आज तो यारों खो ही गए उनकी बातों में।

हर बार कुछ खास होता है उनकी बातों में।

एक अलग अहसास होता है उनकी बातों में।

हर बार कुछ नया होता है उनकी बातों में।

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Sad Poems In Hindi

रात की राख  बिखर गई इस दिल में

रात की राख बिखर गई इस दिल में।

बातें याद बन कर रह गई दिल में।

एक छाप सी छ्प गई दिल में।

मिलें जब वो उस महफिल में।

गुजरे वक्त की रोशनी आ गई दिल में।

बड़ी मुश्किल से भूले थे उनको सिसकियों से।

आँखे खुल गई फिर हिचकियों से।

सवेरा रास ना आया,

दिल फिर मायूस हो आया।

मोहब्बत आज भी है इस दिल में।

मगर अब आप उतर गए इस मन से।

रात की राख बिखर गई दिल में।

अंधेरा कुछ कहता है

अंधेरा कुछ कहता है।

मन ही मन वो सहता है।

दिल की बातें दिल में रखता।

पिंजरे का पक्षी उड़ने को तड़पता।

ना समझें कोई उसकी बातें,

छुप छुप के वो रोता है।

किया बोले किया ना बोले,

कुछ समझना वो पाता है।

अकेले ही वो सब सहता है।

अंधेरा कुछ कहता है।

अंधेरी रात अकेली है

अंधेरी रात अकेली है।

रात बेचैन है, रात परेशान है।

खोया है वो कहीं रातों में, उन अंधियारों में।

ढूँढता है वो खुद को उन अंधेरों में।

ढूँढता है वो अंधेरों में रोशनी का रास्ता।

रोशनी ना मिलती, हो जाता वो मायूस।

फिर भी ढूँढता वो रोशनी का रास्ता।

निकलना चाहता वो उन अंधियारों से।

आना चाहता वो रोशनी के उजाले में।

कैसे आए रोशनी में, इसी सोच में रहता।

अंधेरी रात अकेली है।

रात बेचैन है, रात परेशान है।

अंधेरी दोस्ती

अंधे रेसे ऐसी दोस्ती हुई,

उजाला रास ही ना आया।

अंधेरों से बना ऐसा रिश्ता,

उजालों में अब जाना नहीं।

उजाला छोड़ देता पल भर में साथ,

रहता साथ अपने अंधेरा है।

अंधेरों में ही रहना है, संग उसी में बहना है।

अंधेरे संग तन्हाई का आलम

अंधेरे संग तन्हाई का आलम।

तन्हाई का आलम क्या बताएं।

तन्हाई ने भी तन्हा छोड़ा।

अंधेरों में है तन्हाई का आलम।

ना बचने की उम्मीद है।

ना ही बचाने की उम्मीद।

चारों ओर अंधेरों सी तन्हाई है

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Mother’s Day Poems in Hindi

जग को रोशन करने वाली

जग को रोशन करने वाली,
छिन जाती रोशनी उसकी।
जग को जन्म देने वाली,
छिन जाती जिन्दगी उसकी।
दिया जन्म नई जिन्दगी को,
देकर उसने अपनी जिन्दगी।
खुद के लिए ना लड़ने वाली,
लड़ जाती वो सारे जग से
चंडी रूप में आ जाती वो
जब बात उसकी संतान पर आती।

माँ

ढ़लते सूरज की चाँदनी है।
हर अंधेरी रात की भोर है।
घनघोर बादल की रोशनी है।
उगते सूरज की प्रतीक है।
मुसीबत में उम्मीद की किरण है।
भटकतो की नई दिशा है।
शक्ति का अस्तित्व है।
वो कोई और नहीं, एक माँ है।

जग को जीवन देने वाली

जग को जीवन देने वाली,
तेरी किया पहचान है।
जन्म लेती बेटी बनकर
फिर बनती पत्नी है
फिर बनती वो माँ है
जग को जीवन देने वाली,
तेरी किया पहचान है।
बेटी बनकर करती घरेलू कारोबार है
पत्नी बनकर भी संवारती घर संसार है
माँ बनकर भी संभालती सारा जग संसार है
जग को जीवन देने वाली,
तेरी किया पहचान है।
चार दीवारी में जन्म लेकर
चार दीवारी में कैद रहकर
चार दीवारी में ही जीवन खत्म करती है
जग को जीवन देने वाली,
तेरी किया पहचान है।

मेरी माँ

वो शख्स, जिसने हर कदम पर संभाला।
वो शख्स, जिसने हर उलझन से निकाला।
वो शख्स, जिसने मुसीबत से लड़ना सिखाया।
वो शख्स, जो हर परिस्थिती में साथ रहा।
वो शख्स, जिसने हमेशा हौसला बढ़ाया।
वो शख्स मेरा दोस्त है।
वो शख्स मेरी जिन्दगी है।
वो शख्स कोई और नहीं,
वो सिर्फ और सिर्फ मेरी माँ है।

प्यारी माँ

माँ है प्यारी, सबसे दुलारी।
तू ही तू है सबसे न्यारी।
माँ भरोसा है, माँ हकीकत है।
माँ एक तू ही मेरी साथी है।
तेरी भक्ती, तेरा सम्मान।
तेरे चरणो में है सारे जग का प्यार।
माँ ही शुभ, माँ ही मंगल
माँ लक्ष्मी की मूरत है।
माँ सरस्वती सी ज्ञानी है।
माँ के चरणो में ही बितानी ये जिंदगानी हैं।

नोट: कविता कैसे लगी आप हमें जरुर बताएं

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Short Motivational Poems In Hindi

कभी तो शुरुआत करनी होगी

कभी तो शुरुआत करनी होगी।
मंजिल अपनी पानी होगी।
मंजिल कितनी दूर सही।
इंसान कितना मजबूर सही।
राहों में कठिनाई कितनी सही।
ख्याल रहे हौसला कभी टूटे नहीं।
सपनों का घोंसला कभी छूटें नहीं।
पक्षी बन एक दिन उङ जाना है।
संग ले चल सपने अपने
उनकों पूरा कर दिखाना है।
कभी तो खुद की पहचान बनानी होगी।
कभी तो शुरुआत करनी होगी।

उलझनों से खेलने दो मुझे

उलझनों से खेलने दो मुझे,
सुलझना मुझे आता है।
मुश्किलों में पड़ने दो मुझे,
लड़ना भी मुझे आता है।
छोड़ दें जमाना साथ मेरा,
अकेला जीना भी मुझे आता है।

जिन्दगी कितना भी रुलाए

जिन्दगी कितना भी रुलाए,
हमेशा हँसते ही रहना।
जिन्दगी कितना भी निराश करे,
हमेशा मन में आशाएँ रखना।
जिन्दगी कितना मजबूर करें,
हमेशा मजबूत बने रहना।
कितना भी आंधी या तूफान आए, बस चट्टान की तरह दटे रहना।
हमेशा खुद पर आत्मविश्वास बनाए रखना

किसी के धोखे से टूटना मत

किसी के धोखे से टूटना मत।
मत बिखरने देना खुद को
मत खो न अपना वजूद
धोखे से मजबूत बनो
सबक भी उससे सिखों
खुद को इतना मजबूत बनाओं
सामने वाला खुद टूट जाए
तुम्हे इतना मजबूत देख कर।

ए-जिन्दगी तू देख मुझे

ए-जिन्दगी तू देख मुझे,
मैं कितना बदल गई हूँ।
मैं कितना संभल गई हूँ।
मैं कितना सवर गई हूँ।
ए-जिन्दगी तू देख मुझे,
तूने कितना हराया पर मैं हारी नहीं।
तूने कितना रुलाया पर मैं रोई नहीं।
तूने कितना गिराया पर मैं गिरि नहीं।
ए-जिन्दगी तू देख मुझे,
तेरी हर चुनौती को स्वीकार किया।
तेरी हर चुनौती को मात दिया।
हर मुश्किल को आसान किया।
ए-जिन्दगी तू देख मुझे।

उठ जा मुसाफ़िर फिर भोर आई हैं


उठ जा मुसाफ़िर फिर भोर आई हैं।
नईं जिन्दगी की नईं कहानी लाईं हैं।
चल आ चल फिर से उठ खड़े होते हैं।
जहाँ रुका था वही से शुरुआत करते हैं।
चल फिर एक नईं कहानी लिखते हैं।
ये नईं भोर ढेरों खुशियाँ लाई हैं। उठ जा मुसाफ़िर फिर भोर आई हैं।

नोट: कवितायेँ कैसे लगी आप हमें जरुर बताएं